AGRARIAN REFORMS MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES

agrarian reforms     sound icon
AGRARIAN REFORMS = खेतिहर मजदूरों की उचित मजदूरी निर्धारित करना
Usage : the government is implementing agrarian reforms to make fallow land usable for agriculture.
उदाहरण : सरकार ने खेतिहर मजदूरों की उचित मजदूरी निर्धारित करने के लिए कृषि सुधार किए।
Advertisements
AGRARIAN REFORMS = चकबंदी
उदाहरण : सरकार ने चकबंदी की अमली बोरद चक्करी किसानों के बीच भूमि को पुनर्प्राप्त करने के लिए।
[pr.{chakabanadi} ] (Noun) 0
AGRARIAN REFORMS = कृषि सुधार के अनेक विषय उभर कर आए जैसे वैयक्तिक स्वामित्व में कृषि भूमि की अधिकतम सीमा निर्धारित करना
उदाहरण : सरकार ने कृषि सुधार का अमल किया ताकि वैयक्तिक स्वामित्व में कृषि भूमि की अधिकतम सीमा निर्धारित कर सके।
AGRARIAN REFORMS = अतिरिक्त भूमि का भूमिहीनों में वितरण
उदाहरण : सरकार ने अतिरिक्त भूमि का भूमिहीनों में वितरण करने के लिए कृषि सुधार किया।
AGRARIAN REFORMS = ऊसर या परती भूमि को कृषि योग्य बनाने की भी है।
उदाहरण : सरकार ऊसर या परती भूमि को कृषि योग्य बनाने की कार्रवाई कर रही है।

Definition of Agrarian reforms


Sentence usage for agrarian reforms will be shown here. Refresh Usages

Information provided about agrarian reforms:


Agrarian reforms meaning in Hindi : Get meaning and translation of Agrarian reforms in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of Agrarian reforms in Hindi? Agrarian reforms ka matalab hindi me kya hai (Agrarian reforms का हिंदी में मतलब ). Agrarian reforms meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is खेतिहर मजदूरों की उचित मजदूरी निर्धारित करना.English definition of Agrarian reforms :

Tags: Hindi meaning of agrarian reforms, agrarian reforms meaning in hindi, agrarian reforms ka matalab hindi me, agrarian reforms translation and definition in Hindi language by ShabdKhoj (From HinKhoj Group).agrarian reforms का मतलब (मीनिंग) हिंदी में जाने |

Advertisements

Meaning Summary

Agrarian reforms Meanings: खेतिहर मजदूरों की उचित मजदूरी निर्धारित करना, चकबंदी, कृषि सुधार इससे अभिप्राय है कृषि उत्पादन एवं कृषकों की दशाओं में सुधार लाया जाए। भारत के संदर्भ में कृषि सुधार का मुख्य लक्ष्य जमींदारी व्यवस्था का उन्मूलन था। परंतु इसके साथ ही, कृषि सुधार के अनेक विषय उभर कर आए जैसे वैयक्तिक स्वामित्व में कृषि भूमि की अधिकतम सीमा निर्धारित करना, अतिरिक्त भूमि का भूमिहीनों में वितरण, कृषकों के लिए उचित ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना एवं कृषि उत्पादन के क्रय विक्रय की व्यवस्था करना आदि। कृषि सुधार के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण योजना बंजर, ऊसर या परती भूमि को कृषि योग्य बनाने की भी है।